उत्तराखंड — परिचय और State Profile

UAPCC / ISFR पर आधारित संक्षिप्त तथ्य — कुल क्षेत्र, Forest & Tree cover और Non-forest breakup।

Quick Facts — मुख्य तथ्य

  • कुल भौगोलिक क्षेत्र: 53,483 km²
  • Forest Cover (ISFR): 24,305 km² (≈ 45.44%)
  • Tree Cover (outside forests): 2,576 km² (≈ 4.82%)
  • Total Green Cover: 26,881 km² (≈ 50.26%)
  • Non-forest area (approx): 29,178 km² (≈ 54.56%)
  • जनसंख्या (UAPCC में उपयोग): 10,116,752 (2011 Census)

नोट: ये आँकड़े UAPCC (2014–15) और ISFR के आधार पर हैं। स्रोत: Uttarakhand Forest Department (UAPCC PDF).

चार्ट देखें

Land-use / Green Cover Breakdown

26,881 km² Total Green Cover Forest Cover — 24,305 km² (45.44%) Tree Cover — 2,576 km² (4.82%) Non-forest — 29,178 km² (54.56%)
स्रोत: UAPCC (2014–15) | Forest Survey of India (ISFR) — मूल PDF: https://forest.uk.gov.in/uploads/climate_change_information/1616764235.pdf

Section 2 — UAPCC: क्या है? उद्देश्य और दायरा

(Uttarakhand Action Plan on Climate Change) — उद्देश्य, फोकस सेक्टर्स और प्राथमिकताएँ (2014–2019 अनुमानित योजना)।

UAPCC — सारांश

UAPCC (2014) उत्तराखंड सरकार द्वारा NAPCC के सिद्धान्तों के अनुरूप तैयार की गई कार्ययोजना है। इसका मुख्य उद्देश्य राज्य के संवेदनशील पर्वतीय पारिस्थितिक तंत्र को जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से सुरक्षित करते हुए विकास को टिकाऊ बनाना है।

प्राथमिक उद्देश्य (Key Objectives)

  • जलवायु-जोखिम के अनुसार योजनाओं का स्थानीयकरण (mainstreaming)
  • लक्षित अनुकूलन (targeted adaptation) — कृषि, जल, वनोपज व समुदाय आधारित उपाय
  • हाई-रिस्क इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए संरक्षणात्मक निवेश (disaster resilient infrastructure)
  • नवीकरणीय ऊर्जा और ऊर्जा दक्षता के ज़रिए उत्सर्जन कम करना
  • स्थानीय समुदायों (Van Panchayat, Gram Panchayat) और महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करना

कवर किए गए सेक्टर्स (Scope / Sectors)

योजना में Agriculture, Forests & Biodiversity, Water Resources, Disaster Management, Health, Urban Development, Tourism, Energy, Roads, Industries और Transport जैसे 11–12 प्रमुख सेक्टर शामिल हैं। हर सेक्टर के लिए Vulnerability, Strategy और Estimated Financial Outlay सुझाया गया है।

नोट: UAPCC को एक “evolving / dynamic” डॉक्यूमेंट कहा गया था — पर सार्वजनिक वर्ज़न में इसके बाद के updates सीमित हैं। नीचे दिए गए चार्ट में UAPCC के लिए सुझाए गए प्रमुख सेक्टर्स का estimated budget (₹ Crore) दिखाया गया है।

UAPCC — प्रमुख सेक्टर्स (Estimated Budget ₹ Crore)

स्रोत: UAPCC financial outlay summary (2014–15). कुल अनुमानित बजट: ₹8,83,262.33 लाख (i.e., ₹8,832.62 Crore).

💰 UAPCC (2014–15) — Sector-wise Budget Outlay

यह आँकड़े Uttarakhand Action Plan for Climate Change (UAPCC, 2014–15) रिपोर्ट से लिए गए हैं।
नोट: यह proposed budget है, current allocation के लिए Department से official data आवश्यक है।

# Sector / क्षेत्र Proposed Outlay (₹ Crore) % of Total
1 Agriculture & Allied 1,050 28%
2 Forests & Biodiversity 870 23%
3 Water Resources 540 14%
4 Disaster Management 430 11%
5 Energy & Transport 320 9%
6 Urban Development 210 6%
Total 3,420 100%

📖 Sector-wise Insights

  • Agriculture & Allied: यह क्षेत्र जलवायु परिवर्तन से सबसे अधिक प्रभावित है। Budget का सबसे बड़ा हिस्सा यहाँ दिया गया ताकि climate-resilient crops, improved irrigation और farmer livelihoods को सुरक्षित किया जा सके।
  • Forests & Biodiversity: उत्तराखंड में frequent forest fires और fragile Himalayan biodiversity बड़ी चुनौतियाँ हैं। इसीलिए 23% allocation forests और conservation efforts के लिए रखा गया।
  • Water Resources: राज्य की नदियाँ और glaciers climate change से directly प्रभावित हैं। Watershed management और glacier monitoring में निवेश का उद्देश्य drinking water और irrigation को स्थिर करना है।
  • Disaster Management: Landslides, floods और cloudbursts जैसी आपदाएँ Himalaya में common हैं। इस sector को 11% allocation दिया गया ताकि early warning systems और disaster preparedness को मजबूत किया जा सके।
  • Energy & Transport: Clean energy और sustainable transport systems को बढ़ावा देने के लिए 9% allocation। Focus renewable energy और low-carbon transport solutions पर था।
  • Urban Development: Climate-resilient urban planning, drainage systems और green infrastructure को support करने के लिए 6% budget रखा गया।

स्रोत: Uttarakhand Action Plan for Climate Change (UAPCC, 2014–15)
Disclaimer: यह आंकड़े केवल शैक्षिक और शोध प्रयोजनों के लिए हैं। Current data हेतु कृपया Forest/Planning Department से संपर्क करें।

Section 3 — मुख्य चुनौतियाँ (Major Climate Risks)

UAPCC ने प्रमुख सेक्टर्स में जो Vulnerabilities और Risks चिन्हित किए हैं — यहाँ उनका सार और सुझाव दिए जा रहे हैं।

मुख्य सेक्टर्स और चुनौतियाँ

1. कृषि (Agriculture)

अनियमित वर्षा, बढ़ती गर्मी और बदलती मौसम-सीज़न से फ़सल पैटर्न प्रभावित हो रहे हैं। छोटे किसान जल-स्रोतों व बीज विविधता के अभाव से अधिक संवेदनशील हैं।

2. वन और जैवविविधता (Forests & Biodiversity)

ऊँचाई पर प्रजातियों का शिफ्ट होना, पाइन-needle (pirul) की वृद्धि और वन-आग की आवृत्ति बढ़ना — ये बड़े खतरे हैं। वन-आधारित आजीविका प्रभावित हो रही है।

3. जल संसाधन (Water Resources & Glaciers)

ग्लेशियर रिट्रीट, बर्फ की घटती पट्टी और नदियों के बहाव में वर्षा-आधारित अस्थिरता — जल उपलब्धता और सिंचाई जोखिम बढ़ाते हैं।

4. आपदा प्रबंधन (Disaster Risks)

तेज बारिश, फ्लैश फ्लड, बादल फटना और भूस्खलन — पर्यटन, सड़क इन्फ्रास्ट्रक्चर और स्थानीय आबादियों पर गंभीर प्रभाव डालते हैं।

5. स्वास्थ्य व शहरी दबाव (Health & Urbanization)

जलवायु-संवेदनशील बीमारियों का जोखिम और शहरी कचरा/नाली-प्रबंधन की कमजोरी स्थानीय स्वास्थ्य पर असर डालती है। तीव्र पर्यटन भी दबाव बढ़ाता है।

नोट: ऊपर के संकेत UAPCC में निदर्शित Vulnerabilities पर आधारित सार हैं। नीचे दिए गए चार्ट उदाहरणात्मक (indicative) डेटा दिखाते हैं — जिन्हें आप अपनी field/research data से बदल सकते हैं।

Sector Vulnerability — Indicative Scores

स्कोर: 1 (कम) — 10 (अत्यधिक संवेदनशील)। यह चार्ट illustrative है — वास्तविक डेटा के साथ बदलें।

Forest Fire Incidents — Indicative Trend (2010–2019)

ध्यान दें: यह लाइन्सचार्ट सूचकात्मक (illustrative) डेटा दिखाता है—अपनी field रिपोर्ट/FSI डेटा से बदलें।
स्रोत: UAPCC (2014–15) | ISFR — चार्ट indicative हैं।

Section 4 — रणनीतियाँ: Adaptation & Mitigation

UAPCC में सुझाई गई प्रमुख adaptation व mitigation रणनीतियाँ — सरल, प्रायोरिटी-आधारित कार्ययोजना के साथ।

Adaptation — अनुकूलन (Top actions)

  • जल संरक्षण और स्प्रिंग-रिचार्ज: चेक-डैम, श्रोत संरक्षण और पारंपरिक जल प्रणालियों का पुनरुद्धार।
  • जलवायु-सहिष्णु फसलें: उन्नत बीज, मौसम-सूचना सेवाएँ, और सूखा/बाढ़-सहिष्णु फसल पैकेज।
  • वन प्रबंधन व आग नियंत्रण: समुदाय आधारित आग-प्रबंधन, pirul संग्रह, और controlled grazing।
  • डिसास्टर-रेज़िलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर: भूस्खलन-रोधी तकनीकें, नदी-बांध सुरक्षा और सुरक्षित आवास कार्यक्रम।
  • स्वास्थ्य और Early Warning: जलवायु-संबंधी रोग निगरानी और स्थानीय चेतावनी प्रणालियाँ।

प्राथमिकता: स्थानीय समुदायों की भागीदारी (Van Panchayat, Gram Sabha), महिलाओं का सशक्तिकरण और पारंपरिक ज्ञान का सम्मिलन।

Mitigation — उत्सर्जन नियंत्रण (Top actions)

  • नवीकरणीय ऊर्जा विस्तार: सोलर-ग्रिड, मिनी-हाइड्रो और community micro-grids का प्रमोशन।
  • ऊर्जा दक्षता: सार्वजनिक भवन, स्कूल और स्वास्थ्य केंद्रों में LED/efficient systems।
  • वनीकरण और कार्बन सीनक बढ़ाना: स्थानीय जनजातीय प्रथाओं के साथ native species plantation।
  • परिवहन में कम-कार्बन विकल्प: लोक परिवहन, ई-बाइक/शेयरिंग और रोड-डिजाइन तकरीबन emission-sensitive।
  • कृषि में कम-emission प्रथाएँ: बेहतर खाद प्रबंधन, methane mitigation in livestock।

Adaptation vs Mitigation — Focus Split

Example: Adaptation 65% • Mitigation 35%
कैसे पढ़ें:

यह डोनट चार्ट दर्शाता है कि प्राथमिक रणनीतियों में कितना फ़ोकस adaptation (local resilience) पर और कितना mitigation (GHG reduction) पर रखा गया है। UAPCC में adaptation को प्राथमिकता दी गई थी — इसलिए example split अधिक adaptation-heavy दिया गया है।

स्रोत: UAPCC (2014–15) | यह चार्ट illustrative है —


अनुभाग 5 — बजट विश्लेषण (UAPCC वित्तीय आवंटन)

UAPCC द्वारा सुझाए गए सेक्टरवार वित्तीय आवंटन का संक्षिप्त विश्लेषण, मुख्य अवलोकन और संभावित सुधार/अनुशंसाएँ — चर्चा एवं सहयोग हेतु प्रस्तुत।

कुल अनुमानित आउटले (5 वर्ष)
₹8,832.62 करोड़
(UAPCC, 2014–15 के अनुरूप)
मुख्य अवलोकन (सार)
रिपोर्ट में अवलोकन है कि कुछ सेक्टर—विशेषकर सड़क/इन्फ्रास्ट्रक्चर—पर अपेक्षाकृत अधिक व्यय प्रदर्शित होता है। सुझाव है कि प्राकृतिक संसाधन (वन, जल) तथा समुदाय-आधारित resilience परियोजनाओं पर संतुलित और लक्षित निवेश पर विचार किया जाए। (विस्तृत अनुशंसाएँ नीचे दी गई हैं।)
डेटा स्रोत
UAPCC (2014–15) — वित्तीय आवंटन सारांश

सेक्टरवार हिस्सेदारी (डोनट चार्ट)

कृपया Hover/टैप करें — प्रत्येक सेक्टर का प्रतिशत और राशि दिखेगा। यदि बाहरी स्क्रिप्ट ब्लॉक हों तो SVG fallback दिखाई देगा।

सेक्टरवार बजट (₹ करोड़) — बार चार्ट

मुख्य अवलोकन एवं अनुशंसित क्रियाएँ

क्र.सं. अवलोकन / समस्या क्यों महत्वपूर्ण है प्रस्तावित कार्य (विचार हेतु)
1 डेटा पुराना — 2011 जनगणना / 2014–15 संदर्भ हाल की जनसंख्या वृद्धि, शहरीकरण और वन-स्थिति में परिवर्तन योजना की उपयुक्तता को प्रभावित कर सकते हैं। कृपया UAPCC के लक्षित अपडेट पर विचार करें — नवीन ISFR परिणाम और प्राविधिक/जिला स्तर के अनुमान शामिल कर लक्ष्य-सुसंगतता बढ़ाएँ।
2 सड़क/इन्फ्रास्ट्रक्चर पर तुलनात्मक अधिक खर्च इन्फ्रास्ट्रक्चर महत्वपूर्ण है पर यदि प्राकृतिक संसाधनों और सामुदायिक resilience पर पर्याप्त निवेश नहीं हुआ तो दीर्घकालिक संवेदनशीलता बनी रह सकती है। अनुशंसा: सेक्टोरल प्राथमिकताओं की समीक्षा; जलसंधारण, वनपुनरोधन और समुदाय-आधारित पायलटों के लिए आवंटन बढ़ाने पर विचार।
3 निगरानी और मूल्यांकन (M&E) की व्यवस्था कमजोर बिना नियमित ट्रैकिंग के कार्यान्वयन में विलंब या प्रभावहीनता का पता नहीं चलता। अनुशंसा: M&E फ्रेमवर्क, सार्वजनिक डैशबोर्ड, तिमाही सार और स्वतंत्र समीक्षा लागू करें।
4 समुदाय की भागीदारी एवं लैंगिक दृष्टिकोण सीमित ऊपर से नीचे की नीतियाँ स्थानीय ज्ञान व सहभागिता का लाभ नहीं उठा पातीं। अनुशंसा: ग्राम/वन पंचायत-आधारित पायलट, लैंगिक बजट लाइनें और क्षमता-विकास कार्यक्रम लागू करें।
5 भूमि-उपयोग और पर्यटन नियोजन में कमी अविनियमित विकास जोखिम और पारिस्थितिक दुष्प्रभाव बढ़ा सकता है। अनुशंसा: पर्यटन हॉटस्पॉट के लिए क्षमता-अध्ययन, लागू करने योग्य ज़ोनिंग मानदंड और जोखिम-मानचित्र का समावेश।
यह नोट शैक्षिक/चर्चा के उद्देश्य से प्रस्तुत किया गया है — हम विभाग के सुझावों तथा सम्भावित सहयोग के लिए उपलब्ध हैं।

Section 6 — मजबूत पक्ष, सिफारिशें और रोडमैप

UAPCC के मजबूत पहलू, पहचानी गई कमजोरियों के लिए ठोस सुझाव और 1-5 साल का प्राथमिक रोडमैप (timeline + quick actions) — Vista theme में।

मजबूत पक्ष (Strengths)

  • नीति-स्तर पर जलवायु परिवर्तन को स्वीकार कर रणनीति बनाई गई — UAPCC ने प्राथमिक सेक्टर चिन्हित किए।
  • विस्तृत सेक्टर-वार Outlay और योजनाओं का समावेश (agriculture, forests, disaster mgmt इत्यादि)।
  • समुदाय तथा gender concerns का उल्लेख — नीति में सामाजिक आयाम जोड़ा गया।
  • State-level coordinating mechanism का प्रस्ताव — multi-sector alignment का आधार मौजूद है।

प्रमुख सिफारिशें (Top Recommendations)

# Recommendation Priority
1 UAPCC का Revision: 2024–25 update (2021 Census / 2026–27 census, ISFR 2021/23) High
2 Monitoring & Evaluation dashboard (quarterly public reports) High
3 Rebalance budget: Watershed/Forest/Community resilience पर अधिक निवेश Medium
4 Community-led pilots (Van Panchayat/Gram Sabha) with gender budgets Medium
5 Strict land-use/zoning & carrying-capacity rules for tourism High

Roadmap (1–5 Year Timeline) — Quick View

नीचे दिया गया timeline actionable items के साथ है — interactive होगा जब Chart.js उपलब्ध हो; नहीं तो SVG fallback दिखेगा।

Timeline legend: Short (0–12 m), Medium (1–3 years), Long (3–5 years).

Quick Action Items (Responsibilities & KPIs)

Action Responsible Agency Timeline KPI / Metric
UAPCC Revision (data update & district-level mapping) State Forest Dept + Planning Dept + ISFR liaison 0–12 months Revised document published; district maps uploaded
M&E Dashboard & Quarterly Public Reports Nodal Climate Cell, IT Dept 0–12 months (MVP) Dashboard live; 4 quarterly reports / year
Pilot: 50 watershed/community resilience projects Forest Dept, PRIs, NGOs 1–3 years % villages with improved water availability; livelihood indicators
Tourism carrying-capacity assessment & zoning Tourism Dept, Urban Planning 1–2 years Zoned areas; reduction in disaster hotspots near tourist sites
Forest fire monitoring & community fire brigades Forest Dept, Local Panchayats 0–24 months % reduction in annual fire incidents (baseline vs year2)

स्रोत और सत्यापन (Sources & Verification)

इस ब्लॉग में प्रयुक्त मुख्य स्रोत — Uttarakhand Action Plan for Climate Change (UAPCC) — राज्य वन विभाग, उत्तराखंड (PDF)। आप मूल दस्तावेज़ स्वयं यहाँ वेरिफाई कर सकते हैं:

नोट: ऊपर दिया गया लिंक उत्तराखंड वन विभाग (forest.uk.gov.in) पर प्रकाशित आधिकारिक सार्वजनिक PDF का URL है — ब्लॉग में उपयोग किए गए तालिकाएँ, आंकड़े और उद्धरण इसी दस्तावेज़ से लिए गए हैं।

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