परिचय — उत्तराखंड में पलायन: स्थिति का सार
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TogglePalayan Report (PDF) के आधार पर — उत्तराखंड ने 2008–2018 में बड़े पैमाने पर पलायन देखा: 383,726 प्रवासी और 118,981 परिवार राज्य स्तर पर रिपोर्ट हुए। रिपोर्ट में 2011→2018 के दौरान 734 निर्जन गाँव की सूची भी है। ये आँकड़े और उम्र-प्रोफ़ाइल हमें बताते हैं कि युवा श्रेणी प्रमुख रूप से पलायन कर रही है; इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था और कृषि-श्रम पर स्थायी प्रभाव पड़ सकता है।
Indicator | Value | Note / Source |
---|---|---|
Gram-panchayats sampled (2022) | 7,759 | Survey sample overview. :contentReference[oaicite:9]{index=9} |
Migrants reported (2008–2018) | 383,726 | District-wise aggregate. :contentReference[oaicite:10]{index=10} |
Households migrated (2008–2018) | 118,981 | Reported households metric. :contentReference[oaicite:11]{index=11} |
Depopulated villages (2011–2018) | 734 | District list & total. :contentReference[oaicite:12]{index=12} |
जिलेवार पलायन आँकड़े — कौन-सा जिला सबसे प्रभावित?
2008–2018 में कुल 383,726 प्रवासी और 118,981 परिवार राज्य स्तर पर रिपोर्ट हुए। नीचे दी गई तालिका और इंटरेक्टिव चार्ट से आप जिलेवार प्रभाव, खाली गाँवों की संख्या और ट्रेंड देख सकते हैं। (स्रोत: Palayan Report — district tables & depopulated villages).
जिला | पलायन (2008–2018) | परिवार | खाली गाँव (2011–2018) |
---|---|---|---|
Tehri Garhwal | 71,509 | 18,830 | 58 |
Almora | 53,611 | 16,207 | 57 |
Pauri Garhwal | 47,488 | 25,584 | 186 |
Chamoli | 32,020 | 14,289 | 41 |
Pithoragarh | 31,786 | 9,883 | 75 |
Dehradun | 25,781 | 2,802 | 7 |
Bageswar | 23,388 | 5,912 | 77 |
Rudraprayag | 22,735 | 7,835 | 20 |
Nainital | 20,951 | 4,823 | 22 |
Champawat | 20,332 | 7,886 | 64 |
State Total | 383,726 | 118,981 | 734 |
पलायन के प्रमुख कारण — रोजगार, शिक्षा और अन्य
रिपोर्ट दर्शाती है कि उत्तराखंड में 50% से अधिक पलायन रोज़गार की तलाश में होता है। शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएँ भी बड़े कारण हैं। नीचे तालिका और ग्राफ़ से यह स्पष्ट होता है कि रोज़गार और शिक्षा सबसे बड़े कारक हैं। (स्रोत: Migration_Reasons sheet).
जिला | रोज़गार % | शिक्षा % | स्वास्थ्य % | अन्य सुविधाएँ % | प्राकृतिक आपदा % | अन्य % |
---|---|---|---|---|---|---|
Uttarkashi | 52.35 | 20.50 | 7.00 | 9.25 | 2.50 | 8.40 |
Chamoli | 49.60 | 21.80 | 8.10 | 10.00 | 2.20 | 8.30 |
Rudraprayag | 51.20 | 19.70 | 8.50 | 9.80 | 2.00 | 8.80 |
Tehri Garhwal | 53.00 | 20.10 | 7.90 | 8.90 | 2.30 | 7.80 |
Pauri Garhwal | 54.30 | 19.40 | 7.80 | 8.10 | 2.40 | 8.00 |
Dehradun | 47.25 | 23.90 | 9.20 | 11.00 | 1.90 | 6.75 |
State Avg | 50.00 | 21.00 | 8.00 | 9.50 | 2.00 | 9.50 |
वापसी करने वालों की आजीविका — खेती से सेवाओं तक
रिपोर्ट दिखाती है कि लौटे हुए प्रवासियों में 40% से अधिक लोग खेती में लगे हैं, जबकि 16% सेवाओं और लगभग 18% मज़दूरी में शामिल हैं। इससे पता चलता है कि लौटने वाले मुख्यतः कृषि और अनौपचारिक श्रम पर निर्भर रहते हैं।
जिला | खेती % | स्वरोज़गार % | मज़दूरी % | सेवाएँ % | अन्य % |
---|---|---|---|---|---|
Uttarkashi | 42.30 | 12.50 | 18.40 | 15.20 | 11.60 |
Chamoli | 40.10 | 14.20 | 17.90 | 16.30 | 11.50 |
Rudraprayag | 43.60 | 13.10 | 16.80 | 15.40 | 11.10 |
Tehri Garhwal | 41.90 | 12.80 | 18.70 | 15.10 | 11.50 |
Pauri Garhwal | 44.10 | 12.20 | 17.30 | 14.80 | 11.60 |
Dehradun | 35.20 | 16.50 | 20.10 | 18.20 | 10.00 |
State Avg | 40.00 | 14.00 | 18.00 | 16.00 | 12.00 |
ब्लॉक-स्तरीय निर्जनकरण और वापसी — हटे हुए गाँव और लौटे हुए परिवार
रिपोर्ट का ब्लॉक-स्तरीय सारांश बताता है कि कुछ ब्लॉक्स (Top-10) में सबसे अधिक निर्जन गाँव और वापसी-प्रवासी हैं — ये हॉटस्पॉट नीतिगत हस्तक्षेप के लिए प्राथमिकता हैं। (Source: Block_Data sheet / Palayan Report).
Rank | District | Block | Depopulated (2011–2018) | Depopulated (2022) | Returnees (Till 2025) | Local % | Other states % | Abroad % |
---|---|---|---|---|---|---|---|---|
1 | Pauri Garhwal | Thalisain | 45 | 51 | 820 | 68.2 | 28.6 | 3.2 |
2 | Chamoli | Gairsain | 39 | 44 | 750 | 70.4 | 26.1 | 3.5 |
3 | Almora | Sult | 28 | 30 | 620 | 65.5 | 30.3 | 4.2 |
4 | Pithoragarh | Didihat | 25 | 27 | 590 | 66.8 | 29.7 | 3.5 |
5 | Bageswar | Kapkot | 24 | 26 | 570 | 67.4 | 28.8 | 3.8 |
6 | Tehri Garhwal | Jakhnidhar | 22 | 25 | 550 | 69.1 | 27.4 | 3.5 |
7 | Champawat | Lohaghat | 20 | 22 | 530 | 68.5 | 28.1 | 3.4 |
8 | Rudraprayag | Ukhimath | 19 | 21 | 510 | 67.9 | 28.2 | 3.9 |
9 | Uttarkashi | Purola | 18 | 20 | 490 | 69.7 | 26.8 | 3.5 |
10 | Nainital | Okhalkanda | 16 | 18 | 460 | 68.9 | 27.5 | 3.6 |
नीति सिफ़ारिशें और समाधान — पलायन पर रोक और वापसी को प्रोत्साहन
रिपोर्ट से मिले पैटर्न बताते हैं कि अगर स्थानीय स्तर पर रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत किया जाए, तो पलायन की गति धीमी हो सकती है। नीचे कुछ नीतिगत सिफ़ारिशें दी गई हैं।
स्थानीय रोजगार
ग्रामीण उद्योग, हस्तशिल्प और MSME क्लस्टर विकसित कर युवाओं को गाँव में ही नौकरी।
शिक्षा व कौशल
ब्लॉक स्तर पर आईटीआई/पॉलीटेक्निक और डिजिटल स्किल सेंटर।
स्वास्थ्य सेवाएँ
मोबाइल स्वास्थ्य इकाइयाँ और टेलीमेडिसिन नेटवर्क।
सेवाएँ व कनेक्टिविटी
ग्रामीण BPO, ई-गवर्नेंस सेंटर और इंटरनेट सुविधा।
निष्कर्ष और आगे की राह — उत्तराखंड में पलायन का भविष्य
2008–2018 में 3.83 लाख प्रवासी और 734 निर्जन गाँव का आँकड़ा बताता है कि यह केवल आर्थिक नहीं बल्कि सामाजिक चुनौती है। लौटने वाले प्रवासियों का बड़ा हिस्सा खेती और मज़दूरी पर निर्भर है। भविष्य की राह — स्थानीय रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान।
मुख्य चुनौती
युवा पीढ़ी का बड़े पैमाने पर पलायन — मानव पूँजी की हानि।
अवसर
वापसी करने वाले लोगों को कृषि + स्वरोज़गार में जोड़कर नए आर्थिक मॉडल।
आगे की राह
ब्लॉक स्तर पर पायलट प्रोजेक्ट: स्थानीय उद्योग, स्वास्थ्य यूनिट, डिजिटल कनेक्टिविटी।
संदर्भ
📑 References
- राज्य में रिवर्स पलायन सर्वे — Official Palayan Report PDF
- Vista Academy analysis dataset (district-wise, block-wise migration & returnee trends)
- Visualizations prepared for explanatory purpose (Vista Academy theme)
यह अध्ययन दर्शाता है कि पलायन की समस्या केवल जनसांख्यिकीय बदलाव नहीं है, बल्कि आर्थिक व सामाजिक संतुलन की चुनौती भी है। रिपोर्ट के निष्कर्ष नीति निर्माण और सामुदायिक पहलों के लिए मार्गदर्शक हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
उत्तराखंड में पलायन क्यों होता है?
मुख्य कारण रोजगार की कमी, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की अनुपलब्धता हैं। युवा बेहतर अवसरों के लिए मैदान और महानगरों का रुख करते हैं।
कितने गाँव निर्जन हो चुके हैं?
2011 से 2018 के बीच लगभग 734 गाँव पूरी तरह से निर्जन हो गए हैं।
क्या लोग वापस भी लौट रहे हैं?
हाँ, 2018–2025 के बीच बड़ी संख्या में लोग लौटे हैं, विशेषकर COVID-19 के बाद। इनमें से अधिकांश कृषि और मज़दूरी से जुड़े हैं।
पलायन रोकने के लिए क्या समाधान हैं?
स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर, कौशल प्रशिक्षण, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार ही पलायन को रोकने के प्रभावी उपाय हैं।
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