क्या है क्लाऊड कम्प्यूटिंग?

क्या है क्लाउड कंप्यूटिंग?

क्लाउड कंप्यूटिंग एक ऐसी तकनीक है जो इंटरनेट के माध्यम से विभिन्न सेवाएं प्रदान करती है, जैसे कि सर्वर, स्टोरेज, डेटाबेस, नेटवर्किंग और सॉफ़्टवेयर। आइए जानते हैं कैसे रिया ने इसे अपने बुटीक व्यवसाय में इस्तेमाल किया और क्या-क्या फायदे मिले।

क्लाउड का जादू

रिया, एक बुटीक की मालिक, ने अपनी दोस्त सिया से पूछा, “क्लाउड कंप्यूटिंग क्या है?” सिया ने समझाया कि क्लाउड कंप्यूटिंग वह तकनीक है जो आपको अपने डेटा को कहीं भी, किसी भी डिवाइस से एक्सेस करने की सुविधा देती है।

सरलता और लचीलापन

क्लाउड कंप्यूटिंग के जरिए आप अपने डेटा को सुरक्षित और सरलता से मैनेज कर सकते हैं। यह आपको केवल उन सेवाओं का उपयोग करने की अनुमति देता है जिनकी आपको जरूरत है, और आप कभी भी स्टोरेज या सेवाओं को बढ़ा सकते हैं।

लागत बचत

क्लाउड कंप्यूटिंग से आपको अपने खुद के सर्वर खरीदने की जरूरत नहीं होती। आप केवल उन सेवाओं का भुगतान करते हैं जिनका आप इस्तेमाल करते हैं, जिससे यह छोटे व्यवसायों के लिए अधिक किफायती बन जाता है।

क्लाउड कंप्यूटिंग के मुख्य लाभ

  • आपका डेटा सुरक्षित रहता है, चाहे आपका कंप्यूटर खराब हो जाए।
  • कहीं से भी और किसी भी डिवाइस से डेटा एक्सेस करने की सुविधा।
  • आवश्यकतानुसार स्टोरेज और सेवाओं को बढ़ाने का लचीलापन।
  • महंगे हार्डवेयर की आवश्यकता नहीं होती।

क्लाउड कंप्यूटिंग कैसे काम करता है?

क्लाउड कंप्यूटिंग एक रिमोट सर्वर पर डेटा स्टोर करता है, जिसे आप इंटरनेट के जरिए एक्सेस कर सकते हैं। फ्रंट-एंड उपयोगकर्ता इंटरनेट ब्राउज़र या क्लाउड सॉफ़्टवेयर के जरिए डेटा को एक्सेस कर सकता है।

उदाहरण: आप Google Drive, Dropbox, या Amazon Web Services (AWS) जैसी सेवाओं का उपयोग कर सकते हैं।

रिया की कहानी से यह स्पष्ट होता है कि क्लाउड कंप्यूटिंग न केवल डेटा को सुरक्षित रखता है बल्कि व्यवसायों को अधिक कुशलता से चलाने में मदद करता है। यह तकनीक हर छोटे या बड़े व्यवसाय के लिए आवश्यक है। अब, क्या आप तैयार हैं क्लाउड का जादू अपनाने के लिए?

अब क्लाउड कंप्यूटिंग क्यों इस्तेमाल होती है ?

अब क्लाउड कंप्यूटिंग क्यों इस्तेमाल होती है? (Why is Cloud Computing Used Today?)

क्लाउड कंप्यूटिंग आधुनिक व्यवसाय और व्यक्तिगत उपयोगकर्ताओं के लिए एक गेम-चेंजर बन गई है। यह लागत-कटौती, लचीलापन, और डेटा सुरक्षा जैसी सुविधाएँ प्रदान करती है। नीचे इसके मुख्य कारणों को रंगीन और जानकारीपूर्ण बॉक्स में समझाया गया है:

1. लागत में कमी (Cost Efficiency)

क्लाउड कंप्यूटिंग का उपयोग करने से हार्डवेयर, सॉफ़्टवेयर और रखरखाव की लागत में कमी आती है। कंपनियाँ केवल उपयोग के अनुसार भुगतान करती हैं।

2. स्केलेबिलिटी (Scalability)

व्यवसाय अपनी आवश्यकताओं के अनुसार संसाधनों को आसानी से बढ़ा या घटा सकते हैं। जब मांग बढ़ती है, तो अतिरिक्त संसाधन आसानी से जोड़े जा सकते हैं।

3. डेटा पहुँच (Data Accessibility)

क्लाउड सेवाओं का उपयोग करके उपयोगकर्ता कहीं भी और किसी भी समय डेटा और एप्लिकेशन तक पहुँच सकते हैं। यह दूरस्थ कार्य को सरल बनाता है।

4. सुरक्षा (Security)

अधिकांश क्लाउड सेवा प्रदाता उन्नत सुरक्षा उपाय, जैसे एन्क्रिप्शन और नियमित बैकअप प्रदान करते हैं, जिससे डेटा सुरक्षित रहता है।

5. सहयोग और उत्पादकता (Collaboration and Productivity)

क्लाउड आधारित टूल्स टीम मेंबर को वास्तविक समय में सहयोग करने की अनुमति देते हैं, जिससे कार्य प्रक्रिया में तेजी आती है।

6. आपातकालीन पुनर्प्राप्ति (Disaster Recovery)

क्लाउड सेवाएँ डेटा की आपातकालीन पुनर्प्राप्ति के लिए समाधान प्रदान करती हैं, जिससे डेटा खोने की चिंता कम होती है।

7. तकनीकी अद्यतनीकरण (Technology Upgrades)

क्लाउड सेवा प्रदाता अपने सॉफ़्टवेयर और हार्डवेयर को नियमित रूप से अपडेट करते हैं, जिससे उपयोगकर्ता नवीनतम तकनीक का लाभ उठा सकते हैं।

8. ऊर्जा की बचत (Energy Efficiency)

क्लाउड कंप्यूटिंग कंपनियों को अपने डेटा सेंटर की ऊर्जा खपत को कम करने में मदद करती है, जो पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद है।

9. संसाधनों का प्रबंधन (Resource Management)

क्लाउड कंप्यूटिंग में स्वचालित उपकरण होते हैं जो संसाधनों के प्रबंधन को आसान बनाते हैं।

10. फास्ट डेवलपमेंट (Fast Development)

डेवलपर्स को नई एप्लिकेशन्स को जल्दी से बनाने और तैनात करने के लिए प्लेटफार्म मिलते हैं, जिससे बाजार में तेजी से प्रतिस्पर्धा बढ़ती है।

क्लाउड कंप्यूटिंग के प्रकार (Types of Cloud Computing)

क्लाउड कंप्यूटिंग विभिन्न प्रकारों में उपलब्ध है, जो उपयोगकर्ताओं और व्यवसायों की अलग-अलग जरूरतों को पूरा करती है। नीचे प्रत्येक प्रकार को समझाया गया है, साथ ही उनके उदाहरण भी दिए गए हैं:

1. पब्लिक क्लाउड (Public Cloud)

यह क्लाउड सेवाएं आम जनता के लिए उपलब्ध होती हैं। इन्हें एक थर्ड-पार्टी सर्विस प्रोवाइडर द्वारा होस्ट किया जाता है।

उदाहरण: Google Cloud, Amazon Web Services (AWS), Microsoft Azure

2. प्राइवेट क्लाउड (Private Cloud)

यह क्लाउड सेवाएं केवल एक संगठन के लिए होती हैं। इसका प्रबंधन और संचालन संगठन द्वारा किया जाता है।

उदाहरण: VMware, OpenStack, Microsoft Azure Stack

3. हाइब्रिड क्लाउड (Hybrid Cloud)

यह पब्लिक और प्राइवेट क्लाउड का संयोजन है, जो दोनों के लाभों को एक साथ लाता है।

उदाहरण: AWS + On-Premises Infrastructure, Microsoft Azure + Private Data Center

4. कम्युनिटी क्लाउड (Community Cloud)

यह क्लाउड सेवाएं एक विशिष्ट समुदाय या समूह के लिए होती हैं, जिसमें समान हित होते हैं।

उदाहरण: Government Cloud, Health Sector Cloud

5. मल्टी-क्लाउड (Multi-Cloud)

यह विभिन्न क्लाउड सर्विस प्रोवाइडर्स का संयोजन है, जहां एक संगठन कई क्लाउड सेवाओं का उपयोग करता है।

उदाहरण: AWS + Google Cloud + Microsoft Azure

6. सर्विसेज क्लाउड (Service Cloud)

यह सेवाओं की एक श्रृंखला को संदर्भित करता है, जैसे कि SaaS (Software as a Service), PaaS (Platform as a Service), और IaaS (Infrastructure as a Service)।

उदाहरण: Salesforce (SaaS), Heroku (PaaS), Amazon EC2 (IaaS)

क्लाउड कंप्यूटिंग सेवाओं के प्रकार (Types of Cloud Computing Services)

क्लाउड कंप्यूटिंग सेवाएं विभिन्न प्रकारों में उपलब्ध हैं, जो उपयोगकर्ताओं की अलग-अलग जरूरतों को पूरा करती हैं। इन सेवाओं को उनकी उपयोगिता और फायदे के आधार पर अलग-अलग श्रेणियों में विभाजित किया गया है। आइए इनका विवरण जानें:

Icon 1. सॉफ़्टवेयर एज़ अ सर्विस (SaaS)

यह सेवा उपयोगकर्ताओं को सॉफ़्टवेयर एप्लिकेशन के लिए ऑनलाइन पहुँच प्रदान करती है। उपयोगकर्ता सॉफ़्टवेयर इंस्टॉल या प्रबंधित करने की बजाय सीधे इंटरनेट से एक्सेस कर सकते हैं।

उदाहरण: Gmail, Microsoft 365, Salesforce

Icon 2. प्लेटफ़ॉर्म एज़ अ सर्विस (PaaS)

यह सेवा डेवलपर्स को एप्लिकेशन विकसित करने, परीक्षण करने और तैनात करने के लिए एक प्लेटफ़ॉर्म प्रदान करती है। यह सेवा विकास प्रक्रिया को तेज और सरल बनाती है।

उदाहरण: Google App Engine, Heroku, Microsoft Azure App Services

Icon 3. इन्फ्रास्ट्रक्चर एज़ अ सर्विस (IaaS)

यह उपयोगकर्ताओं को कंप्यूटिंग संसाधन, जैसे कि सर्वर, स्टोरेज और नेटवर्किंग की सेवाएं प्रदान करता है। उपयोगकर्ता अपने हार्डवेयर के स्थान पर इन संसाधनों का उपयोग कर सकते हैं।

उदाहरण: Amazon EC2, Google Compute Engine, Microsoft Azure Virtual Machines

क्लाउड कंप्यूटिंग सेवाओं के प्रकार (Types of Cloud Computing Services)

क्लाउड कंप्यूटिंग सेवाएं उपयोगकर्ताओं की जरूरतों को पूरा करने के लिए अलग-अलग प्रकारों में उपलब्ध हैं। नीचे क्लाउड कंप्यूटिंग की प्रमुख सेवाओं का विवरण दिया गया है:

1. सॉफ़्टवेयर एज़ अ सर्विस (SaaS)

यह सेवा उपयोगकर्ताओं को सॉफ़्टवेयर एप्लिकेशन के लिए ऑनलाइन पहुंच प्रदान करती है। उपयोगकर्ता सीधे इंटरनेट से सॉफ़्टवेयर का उपयोग कर सकते हैं, इंस्टॉल करने की आवश्यकता नहीं होती।

उदाहरण: Gmail, Microsoft 365, Salesforce

2. प्लेटफ़ॉर्म एज़ अ सर्विस (PaaS)

यह सेवा डेवलपर्स को एप्लिकेशन विकसित करने और तैनात करने के लिए एक प्लेटफ़ॉर्म प्रदान करती है। यह विकास प्रक्रिया को तेज और सरल बनाती है।

उदाहरण: Google App Engine, Heroku, Microsoft Azure App Services

3. इन्फ्रास्ट्रक्चर एज़ अ सर्विस (IaaS)

यह उपयोगकर्ताओं को कंप्यूटिंग संसाधन, जैसे कि सर्वर, स्टोरेज और नेटवर्किंग की सेवाएं प्रदान करता है। उपयोगकर्ता अपने हार्डवेयर के स्थान पर इनका उपयोग कर सकते हैं।

उदाहरण: Amazon EC2, Google Compute Engine, Microsoft Azure Virtual Machines

4. फंक्शन एज़ अ सर्विस (FaaS)

यह उपयोगकर्ताओं को छोटे कोड स्निपेट्स को चलाने की अनुमति देता है, बिना किसी सर्वर प्रबंधन की आवश्यकता के। यह स्केलेबिलिटी और लागत बचत प्रदान करता है।

उदाहरण: AWS Lambda, Google Cloud Functions, Azure Functions

5. बैकअप एज़ अ सर्विस (BaaS)

यह सेवा डेटा बैकअप और पुनर्प्राप्ति के लिए उपयोगी है। यह डेटा के सुरक्षित भंडारण और आपातकालीन पुनर्प्राप्ति सुनिश्चित करती है।

उदाहरण: Backblaze, Acronis, Veeam

6. स्टोरेज एज़ अ सर्विस (StaaS)

यह उपयोगकर्ताओं को डेटा संग्रहण सेवाएं प्रदान करती है। उपयोगकर्ता आसानी से और सुरक्षित रूप से डेटा को क्लाउड में स्टोर कर सकते हैं।

उदाहरण: Amazon S3, Google Cloud Storage, Microsoft Azure Blob Storage

क्लाउड कंप्यूटिंग के लाभ

क्लाउड कंप्यूटिंग के लाभ (Benefits of Cloud Computing)

लाभ (Benefit)विवरण (Description)
1. लागत की बचत (Cost Savings)क्लाउड सेवाओं के माध्यम से हार्डवेयर और सॉफ़्टवेयर पर कम खर्च होता है। उपयोगकर्ता केवल आवश्यकता के अनुसार भुगतान करते हैं।
2. स्केलेबिलिटी (Scalability)उपयोगकर्ताओं को अपनी जरूरतों के अनुसार संसाधनों को बढ़ाने या घटाने की सुविधा मिलती है।
3. लचीलापन (Flexibility)उपयोगकर्ता कहीं भी और किसी भी उपकरण से क्लाउड सेवाओं का उपयोग कर सकते हैं।
4. डेटा सुरक्षा (Data Security)अधिकांश क्लाउड सेवा प्रदाता उन्नत सुरक्षा उपाय प्रदान करते हैं, जैसे एन्क्रिप्शन और नियमित बैकअप।
5. स्वचालन (Automation)क्लाउड प्लेटफार्म्स में प्रक्रियाओं के स्वचालन के लिए उपकरण होते हैं, जो कार्यों को सरल बनाते हैं।
6. सहयोग (Collaboration)क्लाउड आधारित टूल्स की मदद से टीम सदस्य वास्तविक समय में सहयोग कर सकते हैं।
7. अपडेट्स और रखरखाव (Updates and Maintenance)क्लाउड सेवा प्रदाता अपने सॉफ़्टवेयर और हार्डवेयर को नियमित रूप से अपडेट करते हैं, जिससे उपयोगकर्ताओं को नवीनतम तकनीक मिलती है।
8. आपातकालीन पुनर्प्राप्ति (Disaster Recovery)क्लाउड सेवाएं डेटा की आपातकालीन पुनर्प्राप्ति के लिए समाधान प्रदान करती हैं, जिससे डेटा सुरक्षित रहता है।
9. संसाधनों का बेहतर प्रबंधन (Resource Management)क्लाउड कंप्यूटिंग की मदद से उपयोगकर्ता अपने संसाधनों का बेहतर प्रबंधन कर सकते हैं।
10. ऊर्जा की बचत (Energy Efficiency)क्लाउड सेवाओं का उपयोग करके कंपनियाँ अपने डेटा सेंटर की ऊर्जा खपत को कम कर सकती हैं।

क्लाउड कंप्यूटिंग के नुकसान

क्लाउड कंप्यूटिंग के नुकसान (Disadvantages of Cloud Computing)

नुकसान (Disadvantage)विवरण (Description)
1. सुरक्षा चिंताएं (Security Concerns)डेटा क्लाउड में होस्ट किया जाता है, जिससे संभावित सुरक्षा उल्लंघनों और डेटा चोरी का जोखिम बढ़ता है।
2. इंटरनेट की निर्भरता (Dependence on Internet)क्लाउड सेवाओं का उपयोग करने के लिए तेज और स्थिर इंटरनेट कनेक्शन की आवश्यकता होती है। धीमे या बाधित कनेक्शन से कार्य प्रभावित हो सकते हैं।
3. नियंत्रण की कमी (Lack of Control)डेटा और एप्लिकेशन तीसरे पक्ष के सर्वर पर होस्ट होते हैं, जिससे उपयोगकर्ताओं का नियंत्रण सीमित हो जाता है।
4. लागत में वृद्धि (Cost Increases)छोटी प्रारंभिक लागत होने के बावजूद, लंबे समय में क्लाउड सेवाओं की लागत बढ़ सकती है, विशेष रूप से जब डेटा और संसाधनों का अधिक उपयोग होता है।
5. डेटा स्थानांतरण (Data Transfer)बड़ी मात्रा में डेटा को क्लाउड में स्थानांतरित करने में समय और प्रयास लग सकता है, और इसके लिए उच्च बैंडविड्थ की आवश्यकता हो सकती है।
6. अनियोजित डाउनटाइम (Unplanned Downtime)क्लाउड सेवा प्रदाता के सर्वर में तकनीकी समस्याएं होने पर सेवा में रुकावट आ सकती है, जिससे व्यवसाय प्रभावित हो सकते हैं।
7. अनुप्रयोग संगतता (Application Compatibility)कुछ मौजूदा अनुप्रयोग क्लाउड पर स्थानांतरित करने के लिए पुनर्निर्माण या अनुकूलन की आवश्यकता हो सकती है।
8. स्थानीय कानून और नियम (Local Laws and Regulations)विभिन्न देशों में डेटा सुरक्षा के विभिन्न कानून हैं, और क्लाउड सेवाओं का उपयोग करते समय इनका पालन करना आवश्यक है।
9. क्षमता का अत्यधिक उपयोग (Overcapacity Issues)कभी-कभी, क्लाउड संसाधनों की अधिक मांग के कारण उपलब्धता प्रभावित हो सकती है, जिससे उपयोगकर्ताओं को सीमित संसाधनों का सामना करना पड़ सकता है।
10. तकनीकी समस्या (Technical Issues)क्लाउड सेवा प्रदाताओं के सर्वर में तकनीकी समस्याएं हो सकती हैं, जो डेटा हानि या पहुँच में रुकावट पैदा कर सकती हैं।

Cloud Computing Analytics (क्लाउड कंप्यूटिंग एनालिटिक्स)

क्लाउड कंप्यूटिंग एनालिटिक्स एक ऐसा प्रोसेस है जिसमें डेटा को क्लाउड में संग्रहित किया जाता है और उसे विश्लेषित किया जाता है ताकि उपयोगी जानकारी प्राप्त की जा सके।

मुख्य विशेषताएँ:

  • डेटा संग्रहण: डेटा को क्लाउड पर सुरक्षित और आसानी से स्टोर किया जाता है।
  • विश्लेषणात्मक टूल्स: बिजनेस इंटेलिजेंस (BI) टूल्स का उपयोग करके डेटा का विश्लेषण किया जाता है।
  • वास्तविक समय में जानकारी: यह उपयोगकर्ताओं को वास्तविक समय में डेटा की स्थिति और ट्रेंड्स के बारे में जानकारी प्रदान करता है।

लाभ:

  • कंपनियाँ बेहतर निर्णय ले सकती हैं, ग्राहक व्यवहार को समझ सकती हैं और अपनी मार्केटिंग रणनीतियों को सुधार सकती हैं।
  • क्लाउड कंप्यूटिंग एनालिटिक्स के माध्यम से, संगठन डेटा के आधार पर प्रभावी निर्णय लेने में सक्षम होते हैं, जिससे उनकी उत्पादकता और लाभ में वृद्धि होती है।

क्लाउड कंप्यूटिंग एक तकनीक है जो इंटरनेट के माध्यम से डेटा, स्टोरेज, सर्वर, नेटवर्किंग, सॉफ्टवेयर और अन्य कंप्यूटिंग सेवाओं को प्रदान करती है। इसके जरिए उपयोगकर्ता बिना किसी स्थानीय हार्डवेयर के इन सेवाओं का उपयोग कर सकते हैं।

क्लाउड कंप्यूटिंग मुख्यतः तीन प्रकार की होती है:

  • सार्वजनिक क्लाउड: इस मॉडल में सेवाएं किसी तीसरे पक्ष द्वारा सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कराई जाती हैं। उदाहरण: Google Cloud, AWS।
  • निजी क्लाउड: यह सेवाएं एक ही संगठन के लिए होती हैं और इसकी प्रबंधन पूर्णतः संगठन के पास होती है।
  • हाइब्रिड क्लाउड: इसमें सार्वजनिक और निजी क्लाउड दोनों का संयोजन होता है, जिससे डेटा और एप्लिकेशन को दोनों के बीच साझा किया जा सकता है।
  • चीलापन: आवश्यकतानुसार संसाधनों को बढ़ाना या घटाना आसान होता है।
  • लागत प्रभावशीलता: केवल उन सेवाओं के लिए भुगतान करना पड़ता है जिनका उपयोग किया जाता है।
  • सुरक्षा: डेटा को सुरक्षित रखने के लिए कई सुरक्षा उपाय होते हैं।
  • सुविधा: डेटा और सेवाओं तक कहीं से भी पहुंचा जा सकता है।

 

हाँ, क्लाउड कंप्यूटिंग में सुरक्षा के लिए कई उपाय होते हैं जैसे डेटा एन्क्रिप्शन, मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन, और नियमित सुरक्षा अद्यतन। हालांकि, उपयोगकर्ताओं को भी अपने डेटा की सुरक्षा के लिए सावधानी बरतनी चाहिए।

 

नहीं, क्लाउड कंप्यूटिंग का उपयोग छोटे व्यवसायों और व्यक्तिगत उपयोगकर्ताओं के लिए भी किया जा सकता है। यह छोटे व्यवसायों को लागत बचाने और उच्च तकनीकी सुविधाएं प्राप्त करने में मदद करता है।

नहीं, क्लाउड स्टोरेज केवल डेटा संग्रहण की एक सेवा है, जबकि क्लाउड कंप्यूटिंग में डेटा स्टोरेज के साथ-साथ कंप्यूटिंग शक्ति, नेटवर्किंग, और सॉफ्टवेयर सेवाएं भी शामिल होती हैं।

क्लाउड कंप्यूटिंग का भविष्य बहुत उज्ज्वल है। नए तकनीकी विकास, जैसे कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग (ML), के साथ मिलकर क्लाउड कंप्यूटिंग में और भी ज्यादा संभावनाएं हैं।

 

क्लाउड सेवाओं का उपयोग शुरू करने के लिए, आपको एक क्लाउड प्रदाता (जैसे AWS, Azure, Google Cloud) का चयन करना होगा, उसके साथ एक खाता बनाना होगा और फिर अपनी आवश्यकताओं के अनुसार सेवाओं का चयन करना होगा।

अधिकांश क्लाउड प्रदाताओं में डेटा स्थानांतरण की कोई निश्चित सीमा नहीं होती, लेकिन कुछ प्रदाता डेटा स्थानांतरण पर शुल्क ले सकते हैं। यह आपके द्वारा उपयोग की जाने वाली सेवाओं और प्रदाता की नीति पर निर्भर करता है।

क्लाउड कंप्यूटिंग का उपयोग करने के लिए तकनीकी ज्ञान का स्तर उपयोग की जाने वाली सेवाओं पर निर्भर करता है। कुछ सेवाएं बहुत उपयोगकर्ता-अनुकूल होती हैं, जबकि अन्य के लिए अधिक तकनीकी समझ की आवश्यकता हो सकती है।

 

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